Saturday, February 6, 2010

आतंकियों का खौफनाक रोजगार-स्टोन पेÏल्टग

पत्थरों के जरिए गुस्से का इजहार....कश्मीर घाटी में काफी समय से अपना विरोध जताने का ये तरीका कुछ ज्यादा ही आम हो चला है....जी हां मामला किसी भी स्तर का हो...विरोध जताने के लिए पत्थर चलाना बेहद जरूरी हो गया है घाटी में...जानते हैं क्यों...इसलिए नहीं कि ये इन पत्थरों के जरिए अपने गुस्से का इजहार करना चाहते हैं....बल्कि इसलिए क्योंकि इनके हाथों फेंका गया एक एक पत्थर इनकी कमाई में इजाफा करेगा....इन्हें अगली बार इस तरह का रोजगार दिलाने में और ज्यादा मददगार साबित होगा....ये फेंका गया पत्थर....ऐसे में उपद्रव के दौरान फेंका गया हर पत्थर बेसकीमती कहा जा सकता है...हर पत्थर उपद्रवियों की जेब गरम कर रहा है....और इसीलिए आप पिछले डेढ़ साल की घटनाओं पर नजर डालें तो ज्यादातर विरोध प्रदर्शनों के दौरान स्टोन पेÏल्टग यानि पत्थर फेंकना आम बात रही है...लेकिन क्यों क्या बिना पत्थर फेंके विरोध प्रदर्शन सफल नहीं हो सकता...सफल हो सकता है लेकिन बस कुछ लोगों के लिए....लेकिन कुछ लोग ऐसे भी होते हैं उपद्रवियों की भीड़ में जिनका सिर्फ और सिर्फ एक ही मकसद होता है....ज्यादा से ज्यादा स्टोन पेÏल्टग....वो जितने ज्यादा पत्थर सुरक्षाबलों पुलिसकर्मियों पर चलाएंगे...उसी के मुताबिक उन्हे मेहनताना दिया जाएगा.......जी हां, आप सोच रहे होंगे...हम ये क्या कह रहे हैं।...लेकिन ये बिल्कुल सच है...कश्मीर घाटी में बहुत से लोगों के लिए विरोध प्रदर्शनों के दौरान पत्थर फेंकना रोजगार बन चुका है..जितना ज्यादा मेहनताना...उतने ज्यादा पत्थर,ज्यादा लोगों को घायल करने के लिए और ज्यादा पारिश्रमिक...बात हैरान कर देने वाली जरूर है....लेकिन है हकीकत से लबरेज..इन दिनों घाटी के बेरोजगार युवकों के लिए ये एक बड़ा और चोखा धंधा बना हुआ है...यानि हींग लगे ना फिटकरी और रंग भी चोखा.. ..युवाओं को ये घिनौना रोजगार मुहैया करा रहे हैं कुछ आतंकी संगठन...जिसमें लश्कर ए तैयबा और हिजबुल मुजाहिद्दीन भी शामिल हैं...अपने घिनौने और खौफनाक मकसद को अंजाम देने के लिए अब दहशतपसंद लोगों ने इसे धंधा बना दिया है....हर साल आतंकी संगठन लाखों रुपये इस पत्थर फेंकने के धंधे पर खर्च करते हैं...ये सनसनीखेज खुलासा किया है जम्मू कश्मीर की पुलिस ने ..पुलिस ने ऐसे ही पत्थर फेंकने वाले गिरोह के सरगना को गिरफ्तार किया है...उसके पास से बड़ी संख्या में जाली दस्तावेज अहम जगहों के नक्शे और नकली पहचान पत्र भी बरामद किए गए हैं। पकड़े गए आरोपित के मुताबिक आतंकी संगठनों ने पथराव के काम को बेहतर तरीके से अंजाम देने के लिए अलग अलग ग्रुप बना रखे हैं....इन समूहों को उनके काम के हिसाब से मोटी रकम दी जाती है...यानि काम जितना बेहतर और असरदार होगा....मेहनताना भी उतना शानदार होगा...ये समूह प्रदर्शनों के दौरान स्थानीय बेरोजगारों को आगे कर उनसे पथराव कराते हैं...और उसके बाद तयशुदा समय पर उनका भुगतान किया जाता है।..इस सनसनीखेज खुलासे के बाद सरकार इन पत्थरबाजों पर लगाम कसने की तैयारी कर रही है।....लेकिन सवाल ये उठता है कि आखिर इतने लंबे समय से ये घिनौना खेल घाटी में खेला जा रहा है...और सरकार और खुफिया तंत्र को इसकी भनक इतनी देर से क्यों लगी...क्यों दहशतगर्द अपनी गंदी हरकतों की सीढ़ियां चढ़ने में सफल हो जाते हैं....इस पर गहन सोच विचार की जरूरत है....दहशत गर्दों के इस तरह के नापाक मंसूबों से अब देश के हर नागरिक को सचेत रहने की जरूरत है....क्यों कि हमारे दुश्मन और दहशतपंसद चंद लोग ये नहीं चाहते कि देश में अमन और चैन कायम रह सके...और इसी लिए अमन और चैन में खलल डालने के लिए वो नित नई धूर्त साजिशें रचते रहते हैं....स्टोन पेÏल्टग भी उन धूर्तों की एक बानगी भर है....इसीलिए जरूरी है हर भारतवासी को सचेत होने की ...कि देश की अस्मिता के साथ खिलवाड़ करने वालों के साथ समझौता नहीं करेंगे...बल्कि देश की ओर उठने वाली हर गलत निगाह को नेस्तनाबूत कर दिया जाएगा...इसे पढ़कर अगर आपके मन में भी कुछ खयाल पनप रहे हैं तो यहां बोलिए....